Friday, November 23, 2018

भज्जी ने नहीं मारा था थप्पड़, पहली बार सामने आई श्रीसंत की कहानी

बिग बॉस में गुरुवार के एपिसोड में श्रीसंत द्वारा किए गए सनसनीखेज खुलासे ने देशभर में सुर्खियां बटोरी. उन्होंने 2008 में हरभजन सिंह के हाथों थप्पड़ खाने के वाकये को पहली बार दुनिया के सामने रखा. अभी तक लोगों को "स्लैपगेट" पर सिर्फ भज्जी का रिएक्शन मालूम था. बिग बॉस के मंच पर श्रीसंत ने अपना पक्ष रखा. इसी के साथ ये बिग बॉस हाउस की सबसे सनसनीखेज न्यूज बन गई.

सोशल मीडिया पर श्रीसंत के फैंस उनकी तारीफ कर रहे हैं. ट्विटर यूजर्स ने श्रीसंत को सपोर्ट किया है. उन्होंने लिखा कि वे क्रिकेटर को प्यार करते हैं. एक यूजर ने लिखा- ''मुझे श्रीसंत पर गर्व है. उन्होंने हरभजन सिंह के साथ हुए उस चर्चित वाकये के बारे में दुनिया को बताया. इसके लिए बहुत हिम्मत की जरूरत होती है.''

श्रीसंत ने क्या खुलासा किया?

सुरभि राणा को दिए इंटरव्यू में श्रीसंत ने कहा, ''मैं सबका मुंह बंद करना चाहता हूं. समय आ गया है कि मैं दुनिया को सच बताऊं. दोनों तरफ से गलती थी. हमारे बीच कोल्ड वॉर चल रहा था. मेरे पंजाब में जाने पर ड्रेसिंग रूम में बड़ा मुद्दा बन गया था. उस मैच में भज्जी पाजी मुंबई टीम के कप्तान थे. मैच शुरू होने से पहले उन्होंने मुझसे कहा कि 'लड़ाई लड़ाई नहीं, ज्यादा एग्रेशन मत दिखाना, ये इंडिया पाकिस्तान का मैच नहीं है. अगर ज्यादा एग्रेशन दिखाया तो दूंगा एक.' ये आईपीएल मैच के दौरान का वाकया है.

''ये बात उन्होंने मजाक में कही थी. लेकिन मैंने इसे गंभीरता से ले लिया था. हां मैं उस वक्त ओवर एग्रेसिव था. मैं इसे कुबूल करता हूं. मेरा बिहेवियर उन्हें पसंद नहीं आय़ा. मैच हारने के बाद मैंने भज्जी पा को hard luck कहा. फिर उन्होंने मुझे बैक स्लैप किया. वो स्लैप नहीं था. बहुत गुस्सा आता है जब मीडिया में उसे स्लैप कहा जाता है.''

उन्होंने कहा, ''तब मैं रोया क्योंकि मैं हेल्पलेस था. क्योंकि मैं उनकी हरकत का कोई जवाब नहीं दे सकता था. ये सब पुरानी बातें हैं. हमारे बीच आज अच्छे रिलेशन हैं. अभी भी मैं उन्हें बड़ा भाई मानता हूं. मैं उनकी बहुत इज्जत करता है. वो पूरा विवाद खत्म है. समझो जैसे एक छोटे भाई को बड़े भाई ने प्यार से मारा, वो थप्पड़ नहीं था.''

क्या है मामला?

मालूम हो कि हरभजन-श्रीसंत का ये मामला IPL के पहले सीजन 2008 का है. हरभजन सिंह ने श्रीसंत को थप्पड़ जड़ा था. तब इसे लेकर काफी विवाद हुए थे. यह वाकया तब हुआ जब किंग्स इलेवन पंजाब की टीम मुंबई की टीम को हराने के बाद उनके खिलाड़ियों से हाथ मिला रही थी. तभी हरभजन ने श्रीसंत को एक थप्पड़ मार दिया था.

इसके तुरंत बाद दोनों टीम के खिलाड़ियों ने बीच बचाव कर दोनों को अलग किया. हरभजन का थप्पड़ खाने के बाद श्रीसंत मैदान में ही फूट-फूटकर रोने लगे. हालांकि इसके बाद हरभजन ने ड्रेसिंग रूम में जाकर श्रीसंत से अपने व्यवहार के लिए माफी मांगी थी.

Tuesday, November 6, 2018

चीन बॉर्डर पर दिवाली मनाने पहुंचे पीएम मोदी, जवानों को खिलाई मिठाई

बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केदारनाथ धाम जाने से पहले भारत-चीन सीमा पर स्थित हर्षिल सेना कैंप पहुंचे. यहां उन्होंने जवानों के साथ दिवाली मनाई. उन्होंने जवानों को संबोधित भी किया और उनके देशप्रेम के जज्बे को सलाम किया.

यहां 11 हजार फुट की ऊंचाई पर मौजूद सेना के बेस पर सेना प्रमुख और आईटीबीपी के डीजी से मुलाकात करने के बाद उन्होंने जवानों के साथ दिवाली मनाई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिवाली के मौके पर महार रेजिमेंट के जवानों को पहले मिठाई खिलाई और उसके बाद उनके साथ फोटो खिंचाई.

जवानों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, 'बर्फ की चोटियों पर सुरक्षा में लगे जवान राष्ट्र की मजबूती बढ़ा रहे हैं और सवा सौ करोड़ देशवासियों के सपने व भविष्य संवारने में लगे हैं.' उन्होंने कहा कि दिवाली रोशनी का पर्व है जो अच्छाई फैलाता है और डर-भय को दूर करता है. प्रधानमंत्री ने कहा,  'जवानों की प्रतिबद्धता और अनुशासन से देश के लोगों में सुरक्षा की भावना पनपती है.' प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि जवानों के साथ तब से दिवाली मना रहे हैं, जब वो गुजरात के मुख्यमंत्री थे.

इससे पहले पिछले साल अपनी कैलाश मानसरोवर यात्रा के दौरान भी प्रधानमंत्री ने आईटीबीपी के जवानों से मुलाकात की थी और उनके साथ कुछ समय बिताए थे. हर्षिल में प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत रक्षा के क्षेत्र में काफी तेजी से आगे बढ़ रहा है. साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि पूर्व सैन्यकर्मियों की भलाई के लिए सरकार बहुत कुछ कर रही है. इसमें वन रैंक-वन पेंशन योजना भी शामिल है. 

प्रधानमंत्री ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन में भारत की फौज ने पूरी दुनिया की वाहवाही बटोरी है. भारतीय सेना के कार्यों की तारीफ दुनिया में हर जगह होती रही है.

कार्यक्रम का पूरा ब्योरा

जवानों से मिलने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केदारनाथ धाम पहुंचे और पूजा-अर्चना की. पीएम बनने के बाद केदारनाथ धाम तीन बार पहुंचे हैं. केदारनाथ ऐसा पहला धाम है जहां पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन बार पहुंचे हों. केदारधाम में पहली बार प्रधानमंत्री ने 2 घंटे का वक्त बिताया. इस दौरान उन्होंने केदारनाथ में चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों को बारीकी से जाना. वहां लगी फोटो गैलरी में प्रधानमंत्री मोदी को मुख्य सचिव उत्पल कुमार ने एक-एक जानकारी दी और यह बताया कि कैसे आपदा के बाद से अब तक का पुनर्निर्माण का काम तेजी से केदार घाटी में चला है.

केदारनाथ में प्रधानमंत्री मोदी ने मीडियाकर्मियों को दीपावली की बधाई तो दी ही, साथ ही साथ उनके स्वस्थ रहने की भी कामना की. मोदी ने मीडियाकर्मियों से पूछा कि आप पुनर्निर्माण के कामों से संतुष्ट हैं. इतनी बात कहकर प्रधानमंत्री मोदी सीढ़ियों से उतरते हुए नीचे चले गए.

2 घंटे के दौरान प्रधानमंत्री मोदी के साथ मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और मुख्य सचिव उत्पल कुमार रहे. इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने सिर्फ पुनर्निर्माण के कामों को जाना जबकि सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत से चंद मिनट भी बात नहीं की. ऐसा पहली बार हुआ है जब प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से बात न कर सिर्फ अधिकारियों से ही सभी जानकारी ली जो केदारपुरी के निर्माण में लगे हुए हैं.

Monday, November 5, 2018

那个延展了韩国人血脉的印度公主

韩国第一夫人金正淑本周访问印度,到访了北方邦(Uttar Pradesh)的古城阿约提亚。

阿约提亚最为人熟知的是,它是印度神祇罗摩的出生地,然而对于韩国人来说,这个地方还有着特别的意义——很多人相信,他们的祖辈与这座城市血脉相连。

这种信仰来自于一些韩国的历史故事,传说一个印度公主苏里拉特那(Suriratna)曾和一个朝鲜半岛国王结婚,之后开创了一个王朝。

古老的传说
相传印度公主苏里拉特那又名许黄玉(Heo Hwang-ok),她在近2000年前的公元48年去了朝鲜半岛,与当地一个国王结婚,建立了金官伽倻王朝。

一些中文文献声称,当时的阿约提亚国王做了一个梦,梦中的神令他将16岁的女儿送去如今是韩国金海市的地方,与当地的金首露王联婚。

一本高丽时代的流行史书《三国遗事》当中记述的寓言和史话提到,许黄玉是阿踰陀国的公主。

这对皇族夫妇由此开枝散叶,育有十个儿子,并且两人据说都活到超过150岁。

一个名叫金秉默的人类学家似乎已经确认一个被广泛认可的说法,阿踰陀其实就是阿约提亚,因为两个名字的发音非常类似。

文金会”后 朝韩离散家庭首度重聚
不过,其实并没有清楚的证据显示,许黄玉这个人真的存在过。

“她的身世故事被认为是讹传,学者并不将之认可为历史,”BBC韩文部的大卫·卡恩(David Cann)说。

“这个故事都有好几种虚构的版本,因为它本身有很多的想象空间。”

金官伽倻王朝
在现今的韩国,“金”是一个很普遍的姓氏,而金首露王就被认为是金海金氏的始祖。

“传统上高丽的孩子随父姓,据说王后当时因为她的孩子们不能随她姓而感到伤心,”BBC韩语部记者李敏智说。

“于是,相传金首露王就允许其中两个子随母姓许,这个姓一直沿用至今。”

历史学家称,如今这两夫妇的后人超过600万,大约占韩国人口的10%。

伽倻王朝的人们还将王后用过的石头保存了起来,据说公主远渡重洋而来时曾用石头稳定船只。

韩国前总统金泳三和金大中,以及前总理金钟泌均声称自己是伽倻王朝的后人。

现代韩国人还相信这个传说吗?
我们在BBC韩文部的一些同事说,他们听过、但是不相信这个广为流传的故事,因为“它说的是过去那么久的事”。

李敏智说:“我记得小学还是初中的时候听过,我们的祖先还能和这么远的人有渊源,我和我的朋友们感到很着迷。”

一些人则说,有猜测指公主其实是来自泰国的,因为阿踰陀国可能其实是泰国的阿瑜陀耶王国。

网上一些故事说,金海有些人,特别是那皮肤比较黑的,会当这个传说是“家族笑话”,指出他们“祖先可能是也可能不是从印度来的”

“一些人认为,虽然她可能真的是‘来自一个隔着海洋的南边国家’,但是当佛教在韩国扎根之后,这个故事就被极大的润色了,”卡恩说。他也记得自己小时候去看过一个关于这个传说的音乐剧。