कोलम्बो. श्रीलंका के पूर्व कप्तान सनथ जयसूर्या पर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने 2 साल का प्रतिबंध लगा दिया है। सनथ पर मैच फिक्सिंग से जुड़ी जांच में आईसीसी की एंटी करप्शन यूनिट (एसीयू) को सहयोग ना करने का आरोप है। प्रतिबंध लगने के बाद अब जयसूर्या दो साल तक क्रिकेट से जुड़ी किसी भी गतिविधि का हिस्सा नहीं बन पाएंगे।
आईसीसी की एंटी करप्शन यूनिट कर रही मामले की जांच
सनथ जयसूर्या अप्रैल 2016 से अगस्त 2017 तक श्रीलंका क्रिकेट टीम के चीफ सेलेक्टर रहे थे। इस दौरान श्रीलंका-जिम्बाब्वे के बीच हुए एक वनडे मैच में फिक्सिंग की शिकायत आई थी। एसीयू इसी की जांच कर रही थी।
1996 की वर्ल्ड कप विजेता श्रीलंका टीम के सदस्य जयसूर्या पर एसीयू की जांच के साथ सहयोग नहीं करना, जांच में बाधा डालना और इसमें विलम्ब करने जैसे आरोप लगे। जयसूर्या पर आईसीसी की धारा 2.4.6 और 2.4.7 (जांच में सहयोग ना करने) के तहत प्रतिबंध लगाया गया।
जयसूर्या ने वह मोबाइल फ़ोन भी देने से इंकार कर दिया था जो वह जांच के दौरान इस्तेमाल कर रहे थे, जबकि आईसीसी की भ्रष्टाचार रोधी इकाई ने उन्हें ख़ास तौर पर मोबाइल फ़ोन देने के लिए कहा था।
आरोप लगने के एक दिन बाद जयसूर्या ने कहा था कि वह हमेशा ईमानदार और पारदर्शी रहे हैं। वह मैच फिक्सिंग या पिच फिक्सिंग जैसी किसी भ्रष्ट गतिविधि में शामिल नहीं रहे हैं।
नई दिल्ली. इंटरनेशनल शूटिंग स्पोर्ट्स फेडरेशन (आईएसएसएफ) पिस्टल/ राइफल वर्ल्ड कप की आयोजन समिति ने 25 मीटर रैपिड फायर पिस्टल इवेंट के पदक विजेताओं को उनका सारा खर्चा देने का फैसला किया है। दो पाकिस्तानी शूटर्स को भारत से वीजा नहीं मिल पाने के बाद इंटरनेशनल ओलिंपिक परिषद (आईओसी) ने इस इवेंट से ओलिंपिक कोटा हटा दिया था। आयोजन समिति ने इस इवेंट के पदक विजेताओं को सद्भावना कदम के रूप में खर्चा देने का फैसला किया है।
आयोजन समिति के अध्यक्ष रणइंदर सिंह ने एक बयान जारी कर यह घोषणा की। उन्होंने कहा, “आईओसी के पुरुष 25 मीटर रैपिड फायर पिस्टल इवेंट से ओलिंपिक कोटा हटाए जाने पर आईएसएसएफ विश्व कप नई दिल्ली-2019 की आयोजन समिति यह फैसला किया है। इसके तहत समिति पदक विजेता खिलाड़ियों का 100 फीसदी खर्च का वहन करेगी।”
इस इवेंट में जर्मनी के क्रिस्टियन रिट्ज़ ने स्वर्ण, चीन के लिन जुनमिन ने रजत और कोरिया के किम जुंगहोंग ने कांस्य पदक जीता। रणइंदर सिंह ने बताया कि इस बारे में सूचना एथलीटों और उनके संघ को भेज दी गई है।
Wednesday, February 27, 2019
Thursday, February 21, 2019
PM नरेंद्र मोदी होंगे इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2019 के मुख्य आकर्षण
साल 2019 भारत और दुनिया, दोनों के लिए महत्वपूर्ण फैसलों का वर्ष है. भारत में यह खासतौर से गौर करने की बात है, क्योंकि देश महत्वपूर्ण आम चुनावों की तरफ बढ़ रहा है. 2019 के लोकसभा चुनावों से कुछ हफ्तों पहले ही इंडिया टुडे समूह आपके समक्ष इंडिया टुडे कॉन्क्लेव का 18वां संस्करण लेकर आ रहा है.
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2019 में नई दिल्ली में 1 और 2 मार्च को कई ज्वलंत मसलों पर शानदार बहस और चर्चाएं होंगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समारोह के मुख्य आकर्षण होंगे और वह 2 मार्च को इस कॉन्क्लेव के मुख्य वक्ता होंगे.
इस दौरान पीएम मोदी संभवत: अपने कार्यकाल में हुए भारत की विकास गाथा पर कुछ कहेंगे और शायद यह भी बताएं कि भारत जैसे महान देश का नेतृत्व करने में उन्हें किस तरह के सबक मिले.
अगले महीने होने वाले इंडिया टुडे कॉन्क्लेव के बारे में इंडिया टुडे ग्रुप के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ अरुण पुरी ने कहा, 'इंडिया टुडे कॉन्क्लेव के लिए मुख्य वक्ता के रूप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पाकर हम सम्मानित महसूस कर रहे हैं. वह एक साहसी और लीक से परे चलने वाले नेता हैं. उन्होंने जबरदस्त उम्मीदों और चर्चाओं को बढ़ावा दिया है. ऐसे समय में जब भारत एक बड़े चुनाव की ओर बढ़ रहा है, इस कॉन्क्लेव में हमें उनको सुनने, उनके कार्यकाल का आकलन करने और भारत के लिए उनके विजन को जानने का सुअवसर मिलेगा.'
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव के दो दिनों में बहुत सारे विषयों पर देश और दुनिया की सर्वश्रेष्ठ मेधा को सुनने और समझने का मौका मिलेगा. इस कॉन्क्लेव में ब्रेक्जिट नेता, राजनीतिज्ञ, इतिहासकार, पत्रकार बोरिस जॉनसन भी होंगे, जो यह बताएंगे कि उन्होंने अपनी राह क्यों चुनी और ब्रेक्जिट से भारत के लिए क्या महत्वपूर्ण सबक हो सकते हैं. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी बीजेपी की राजनीतिक सफलता के लिए अपना खाका पेश करेंगे.
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में इस बार सत्रों का काफी नया रोचक स्वरूप होगा. वित्त मंत्री अरुण जेटली के उपचार के लिए देश से बाहर रहने पर अंतरिम वित्त मंत्री रहे पीयूष गोयल और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम एक के बाद एक होने वाले मिरर सेशन में प्रख्यात अर्थशास्त्रियों और एक्सपर्ट्स के साझा ज्यूरी के सामने अर्थव्यवस्था और चुनावी वायदों का आकलन करेंगे.
रणवीर सिंह और कंगना रनौत जैसे बॉलीवुड स्टार इस समारोह में ग्लैमर का तड़का लगाएंगे और तमाम मसलों पर अपनी राय भी देंगे. रणवीर सिंह अपने जीवन से जुड़े सात नए रहस्यों का खुलासा करेंगे तो कंगना रनौत रचनात्मकता, बॉलीवुड की उपेक्षा और एक औरत के रूप में नए नियम गढ़ने पर विस्तार से बात करेंगी.
फ्रेंच चिंतक ज्यां पॉल सार्त्र ने कहा था, 'हम वही हैं, जो हमने खुद चुना है.' भारत और दुनिया के लिए 2019 बड़े चयन का वर्ष है. तो 'कॉन्क्लेव' के लिए तैयान रहें. 'कठिन विकल्प' चुनने के लिए तैयार रहें.
साल 2002 से ही इंडिया टुडे कॉन्क्लेव बौद्धिक प्रबंधन और विचारों के नेतृत्व के मामले में अगुआ रहा है. पिछले वर्षों में इंडिया टुडे कॉन्क्लेव ने कई राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, खेल जगत के दिग्गज, लेखक और सिनेमा जगत के सितारों की मेजबानी की है. यह कॉन्क्लेव नए विचारों, इनोवेशन और अनुभवों के मामले में अग्रणी रहा है और अपने समय के साथ लगातार संवाद करता रहा है, कई बार बदलावों की उम्मीद में और अक्सर इसमें शामिल होते हुए.
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2019 में नई दिल्ली में 1 और 2 मार्च को कई ज्वलंत मसलों पर शानदार बहस और चर्चाएं होंगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समारोह के मुख्य आकर्षण होंगे और वह 2 मार्च को इस कॉन्क्लेव के मुख्य वक्ता होंगे.
इस दौरान पीएम मोदी संभवत: अपने कार्यकाल में हुए भारत की विकास गाथा पर कुछ कहेंगे और शायद यह भी बताएं कि भारत जैसे महान देश का नेतृत्व करने में उन्हें किस तरह के सबक मिले.
अगले महीने होने वाले इंडिया टुडे कॉन्क्लेव के बारे में इंडिया टुडे ग्रुप के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ अरुण पुरी ने कहा, 'इंडिया टुडे कॉन्क्लेव के लिए मुख्य वक्ता के रूप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पाकर हम सम्मानित महसूस कर रहे हैं. वह एक साहसी और लीक से परे चलने वाले नेता हैं. उन्होंने जबरदस्त उम्मीदों और चर्चाओं को बढ़ावा दिया है. ऐसे समय में जब भारत एक बड़े चुनाव की ओर बढ़ रहा है, इस कॉन्क्लेव में हमें उनको सुनने, उनके कार्यकाल का आकलन करने और भारत के लिए उनके विजन को जानने का सुअवसर मिलेगा.'
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव के दो दिनों में बहुत सारे विषयों पर देश और दुनिया की सर्वश्रेष्ठ मेधा को सुनने और समझने का मौका मिलेगा. इस कॉन्क्लेव में ब्रेक्जिट नेता, राजनीतिज्ञ, इतिहासकार, पत्रकार बोरिस जॉनसन भी होंगे, जो यह बताएंगे कि उन्होंने अपनी राह क्यों चुनी और ब्रेक्जिट से भारत के लिए क्या महत्वपूर्ण सबक हो सकते हैं. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी बीजेपी की राजनीतिक सफलता के लिए अपना खाका पेश करेंगे.
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में इस बार सत्रों का काफी नया रोचक स्वरूप होगा. वित्त मंत्री अरुण जेटली के उपचार के लिए देश से बाहर रहने पर अंतरिम वित्त मंत्री रहे पीयूष गोयल और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम एक के बाद एक होने वाले मिरर सेशन में प्रख्यात अर्थशास्त्रियों और एक्सपर्ट्स के साझा ज्यूरी के सामने अर्थव्यवस्था और चुनावी वायदों का आकलन करेंगे.
रणवीर सिंह और कंगना रनौत जैसे बॉलीवुड स्टार इस समारोह में ग्लैमर का तड़का लगाएंगे और तमाम मसलों पर अपनी राय भी देंगे. रणवीर सिंह अपने जीवन से जुड़े सात नए रहस्यों का खुलासा करेंगे तो कंगना रनौत रचनात्मकता, बॉलीवुड की उपेक्षा और एक औरत के रूप में नए नियम गढ़ने पर विस्तार से बात करेंगी.
फ्रेंच चिंतक ज्यां पॉल सार्त्र ने कहा था, 'हम वही हैं, जो हमने खुद चुना है.' भारत और दुनिया के लिए 2019 बड़े चयन का वर्ष है. तो 'कॉन्क्लेव' के लिए तैयान रहें. 'कठिन विकल्प' चुनने के लिए तैयार रहें.
साल 2002 से ही इंडिया टुडे कॉन्क्लेव बौद्धिक प्रबंधन और विचारों के नेतृत्व के मामले में अगुआ रहा है. पिछले वर्षों में इंडिया टुडे कॉन्क्लेव ने कई राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, खेल जगत के दिग्गज, लेखक और सिनेमा जगत के सितारों की मेजबानी की है. यह कॉन्क्लेव नए विचारों, इनोवेशन और अनुभवों के मामले में अग्रणी रहा है और अपने समय के साथ लगातार संवाद करता रहा है, कई बार बदलावों की उम्मीद में और अक्सर इसमें शामिल होते हुए.
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