Tuesday, July 30, 2019

ये सरकार मुल्लाओं का कानून खत्म कर, संविधान का कानून बनाना चाहती है: संजय राउत

राज्यसभा में तीन तलाक बिल पर मंगलवार को चर्चा शुरू हुई. सरकार की कोशिश है कि इस बिल को जल्द ही पास कराया जाए, तो वहीं विपक्ष इस बिल को सेलेक्ट कमेटी को भेजने पर अड़ा हुआ है. बिल के पक्ष में जब शिवसेना सांसद संजय राउत बोलने के लिए खड़े हुए तो उन्होंने एक बयान दिया. संजय राउत ने कहा कि ये सरकार मुल्लाओं का कानून खत्म कर, इस देश के संविधान का कानून बनाना चाहती है.

उन्होंने कहा कि तीन तलाक बिल समान नागरिक की तरफ पहला कदम है. इसके बाद 370 भी जाएगा और 35ए भी जाएगा.

संजय राउत ने कहा कि आज सिर्फ सदन के लिए नहीं बल्कि देश के लिए भी ऐतिहासिक दिन है. अगला महीना आजादी वाला है. लेकिन जब ये कानून पास होगा तो उससे देश की आधी आबादी को आजादी मिलेगी. तीन तलाक की गुलामी में जो 10 करोड़ से अधिक महिलाएं कैद हैं, उन्हें आजादी मिल पाएगी.

तीन तलाक बिल पर पूरी चर्चा यहां क्लिक कर पढ़ें...

शिवसेना नेता ने कहा कि देश संविधान से चलेगा, यहां एक ही कानून होना चाहिए. अगर मुस्लिम महिलाओं को किसी कानून से तकलीफ है और वो कानून हमारे संविधान में ही नहीं है. फिर अगर सरकार इसे खत्म करना चाहती है तो इससे सेक्यूलरिज्म खतरे में नहीं है.

संजय राउत ने कहा कि ऐसी मजबूत सरकार पहली बार आई है जो इस तरह का कदम उठा रही है. तलाक देने के काफी अजीब कारण होते हैं. कभी सब्जी में नमक नहीं तो तलाक दे दिया, ऐसी बातें सुनने को मिलती हैं. इस दौरान संजय राउत ने कहा कि इस्लामिक स्कॉलर तारेक फतेह एक बात कहते हैं कि हमें अल्लाह का कानून चाहिए, मुल्लाओं का कानून नहीं चाहिए.

1995 में अमिता सिंह से हुई शादी

1990 में मोदी मर्डर केस से बरी होने के बाद 1995 में संजय सिंह ने अमिता से शादी कर ली. संजय सिंह की पहली पत्नी गरिमा के घर अनंत विक्रम सिंह के अलावा दो बेटियों महिमा सिंह और शैव्या सिंह का जन्म हो चुका था. इसके बाद 1996 में गरिमा सिंह अमेठी का राजभवन छोड़कर लखनऊ में रहने लगीं.

संजय सिंह की अमेठी की राजनीतिक विरासत को अमिता सिंह ने खुद संभाल लिया. वह अमेठी विधानसभा सीट से विधायक रह चुकी हैं. इसके अलावा राजनाथ सिंह सरकार में मंत्री भी रही हैं. लेकिन 2017 के विधानसभा चुनाव से ऐन पहले संजय सिंह की पहली पत्नी ने अमेठी में वापसी की थी, जिसके बाद राज परिवार में जमकर बवाल हुआ था.

अमेठी परिवार में मचे सियासी बवाल से संजय सिंह को जबरदस्त नुकसान हुआ था. इसका राजनीतिक फायदा गरिमा सिंह को मिला. 2017 के विधानसभा चुनाव में अमेठी सीट से संजय सिंह की दोनों पत्नियां चुनाव मैदान में उतरी थीं. अमिता सिंह कांग्रेस से थीं तो गरिमा सिंह बीजेपी से चुनाव लड़ीं. इसमें गरिमा सिंह ने जीत दर्ज की थी.

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